Wednesday, June 12, 2013

भ्रष्टाचार की लौ, नौनिहालों का भविष्य ढ़केल रही है अँधेरे की गर्त में.



भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता जनपद में शिक्षा व्यवसायियो के हौसलें बुलंद कर रही है। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के कारण जनपद में उच्चस्तरीय शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य के साथ खुल्ला खेल फरुक्खाबादी खेला जा रहा है। ऐसे में विद्यालय संचालकों के हौसले इतने बुलंद हैं की प्रशासन और शासनादेश का कोई मतलब और खौफ नहीं है।
बाराबंकी  जनपद में डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय की संबद्धता से संचालित गुलाब देई प्रोफेसनल स्टडीज बुधेडा में महाविद्यालय प्रशासन द्वारा स्नातक की परीक्षाओं में अनुसूचित जाति के बच्चों को बी० ए० प्रथम वर्ष के परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र नहीं दिया गया। कारण इनकी फीस शासन से महाविद्यालय को मिलनी थी उसके बाद भी बच्चों से रुपये ३ हज़ार शुल्क के और २ सौ प्रवेश पत्र के लिए जाने थे। शासनादेश के बावजूद अनुसूचित जाति के बच्चों से  फीस वसूली गयी और जिनके पास  पैसे नहीं थे या उनकी आर्थिक स्थिति नहीं थी फीस दे पाने की उन्हें परीक्षा नहीं देने दिया गया।
भ्रष्टाचार की कुछ ऐसी ही कहानी जहांगीराबाद एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित जहांगीराबाद मीडिया संस्थान की है जो जिले में पिछले  वर्षों से संचालित होकर बच्चों से फीस के रूप में एक से ढेड लाख रुपये वसूल रहा है और जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते बिना की विवि की संबद्धता के फल&फूल रहा है। जहांगीराबाद मीडिया संस्थान द्वारा जारी प्रमाण&पत्र छात्रों को बहकाने और बरगलाने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर रहा है] क्यूँकि जहांगीराबाद मीडिया संस्थान की किसी सरकारी@a अर्द्धसरकारी कार्यों में कोई मान्यता नहीं है। जिसकी सूचना] जन सूचना अधिकार के तहत मांग कर जिला प्रशासन को दी गयी है] लेकिन शिक्षा व्यवसायियों के बढ़ते कद के आगे जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
विद्यार्थीयों के भविष्य के साथ] शिक्षा माफिया और जिला प्रशासन खेल रहे हैं आँख मिचौली का घिनौना खेल। ऐसे में अधिकारियों की भ्रष्टाचार के प्रति निष्ठा इन विद्यार्थियों के भविष्य को अँधेरे की गर्त में ले जाने के प्रति कटिबद्ध सी प्रतीत हो रही है। 
सभार
स्वतंत्र चेतना  एवं चेतना विचार धारा हिंदी दैनिक

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Atul Kumar
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