अक्सर हम लोग बात करते है की अगला व्यक्ति बड़ा ही बोर है और उसने मेरा मूड ऑफ़ कर दिया, या मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है. इस प्रकार की बातें रोजमर्रा की जिंदगी में बराबर सुनने में आती हैं. एक घटना मेरे साथ भी ऐसी ही घटी मुझसे मिलने आये एक मित्र ने मुझसे बोला कि यार मै कल ही आ गया होता परन्तु क्या बताउं फला व्यक्ति ने मेरा मूड ऑफ़ कर दिया, जिसके करण मै कल आ नहीं पाया.
मुझे लगा कि वह व्यक्ति बड़ा ही बुद्धिमान है, जिसने तुम्हारा मूड ऑफ़ कर दिया. उसे पता था कि तुम्हारे मूड का बटन कहाँ लगा है? जिससे उसने तुम्हारे मूड का बटन ऑफ़ कर दिया. आश्चर्य लगता है कि हमे हमारे मूड का बटन नहीं मिला जिससे कि हम उसे ऑन कर सकते. कितनी बचकानी बात है कि लोग हमारे मूड का बटन ऑफ़ कर देते हैं और हमे उसे ऑन करना नहीं आता. इस अपरिपक्व मानसिकता का प्रदर्शन बड़े-बड़े ज्ञानीजनो से भी मैंने सुना है.
मुझे लगता है कि साधना ही इस अपरिपक्व मानसिकता का एक मात्र उपाय है जिससे हम अपनी मानसिकता पर पूर्ण एवं परिपक्व नियंत्रण पा सकते हैं. साधना के द्वारा हमारे मूड का बटन हमारे द्वारा ही नियंत्रित होता है. उसे कोई बाहर वाला व्यक्ति ऑफ़ या ऑन नहीं कर सकता.
bahut hi jabardast satya likha maja aa gya.......
ReplyDelete