👉 तीन मासूमों और पत्नी की हत्या कर पति ने आखिर क्योंकि आ
त्महत्या?
✍️ इन हत्याओं का आखिर गुनहगार कौन?
✍️ घर का मुख्य दरवाजा एक फिर भी अपने बेटे-बहू और मासूम बच्चों से मतलब क्यों नहीं?
✍️ आखिर 30-35 लाख की कर्जदारी किसकी और किस आधार पर दिया?
✍️ घर का मुख्य दरवाजा एक फिर भी अपने बेटे-बहू और मासूम बच्चों से मतलब क्यों नहीं?
✍️ आखिर 30-35 लाख की कर्जदारी किसकी और किस आधार पर दिया?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले सफेदाबाद कस्बे में जहां एक पिता ने अपनी तीन मासूम बच्चों और पत्नी की हत्या करने के बाद खुद को फांसी पर लटका कर जीवन लीला को समाप्त कर लिया। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम और पुलिस ने टूटा हुआ मोबाइल फोन, चाकू और शराब की बोतलें बरामद की है। इसके अलावा पुलिस प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले मृतक विवेक शुक्ला के तार प्रॉपर्टी कारोबार के सूत्रों को भी ढूंढ रही हैं। बरामद सुसाइड नोट में पति-पत्नी के एक साथ हस्ताक्षर होने की बात कही जा रही है, जो कि जांच का विषय है। यदि ऐसा था तो विवेक अपनी पूरी समस्या पत्नी को बताता था जहाँ कर्ज का शोर उसके परिवार में अंदरूनी कलह उन दोनों को झकझोर रही थी। इसलिए शायद विवेक ने ऐसा कदम उठाया।
विवेक शुक्ला की फंदे से लटकती लाश और बेड पर पड़े मासूमों और पत्नी की लाशों की पुलिस जांच कर रही है। वहीं इस वारदात के फौरन बाद मृतक के पिता ने विवेक शुक्ला पर ही प्राथमिकी दर्ज करा दी है। घर में पसरे सन्नाटे का शोर और गांव में चहल कदमी करती सनसनी से लोग हैरत में पड़ गए हैं। विवेक की जिंदगी किसी ड्रामे से कम नहीं थी, सोचकर देखिये जो कभी नोटों के बिस्तर पर सोता हो, जिसकी एक खूबसूरत पत्नी और फूल जैसे तीन मासूम बच्चे, जिनमे 2 बेटियां और एक बेटा, इतना सबकुछ होने के बावजूद क्या कोई अपने परिवार को आसानी से खत्म कर देगा? करता परिवार की माली हालत इतनी खराब हो गयी कि सब कुछ मिटा देना विवेक को आसान लगा? हालांकि पुलिस गहनता से मामले की जांच में जुटी है।
विवेक के घर वालों के मुताबिक विवेक ने प्रेम विवाह किया था, जिनसे तीन बच्चे थे जिनकी पढ़ाई लखनऊ के हाई फाई स्कूल में चल रही थी। उधर पुलिस को मिले सुसाईड नोट के अनुसार विवेक ने लिखा है कि वह परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाया इस लिए ऐसा कदम उठाया। वहीं पुलिस की माने तो सुसाइड नोट पर दंपती के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा कमरा बंद था एoसी0 चल रही थी। प्रथम दृष्टया मृतक विवेक ने पत्नी और 3बच्चों को मारने के बाद खुदकुशी की है। जबकि कर्ज कितना था, किससे लिया गया था इसका जिक्र सुसाईड नोट में नहीं है लेकिन करोड़ों रुपए के कर्ज की आशंका जरूर जताई जा रही है। वहीं मौक़े पर डॉग स्क्वॉयड वहाँ तक गया जहाँ मृतक विवेक आया-जाया करता था।
विवेक शुक्ला के इस खौफनाक कदम और बिस्तर पर पड़ी लाशें... कमरे की व्यवस्था देख ऐसा लग रहा है विवेक अपने परिवार से बहुत प्यार करता था। लग्जरी कमरा सारे ऐशोआराम। लेकिन सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ की अचानक सबकुछ तबाह हो गया।
घर में एक ही मेनगेट, आने जाने का एक ही दरवाजा, पूरे परिवार के सदस्यों का एक ही निकास था। फिर भी किसी को कुछ पता नहीं, ऐसी अनभिज्ञता... और इसी बीच उस घर में हरा-भरा परिवार जो अब खत्म हो चुका। कमरे के अंदर बिस्तर पर पड़ी पत्नी सहित तीन बच्चों लाशें, खुद रस्सी से लटकी विवेक की लाश। घर के बाहर जमा लोगों की भीड़, मौके पर जांच करती पुलिस डॉग स्क्वायड और फिंगर्स प्रिंट एक्सपर्ट की टीम... एक तबाह परिवार की कहानी बयां कर रही है।
घर में एक ही मेनगेट, आने जाने का एक ही दरवाजा, पूरे परिवार के सदस्यों का एक ही निकास था। फिर भी किसी को कुछ पता नहीं, ऐसी अनभिज्ञता... और इसी बीच उस घर में हरा-भरा परिवार जो अब खत्म हो चुका। कमरे के अंदर बिस्तर पर पड़ी पत्नी सहित तीन बच्चों लाशें, खुद रस्सी से लटकी विवेक की लाश। घर के बाहर जमा लोगों की भीड़, मौके पर जांच करती पुलिस डॉग स्क्वायड और फिंगर्स प्रिंट एक्सपर्ट की टीम... एक तबाह परिवार की कहानी बयां कर रही है।
5 जून 2020 दिन शुक्रवार को घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत गमज़दी का माहौल है, घटना की सूचना पा मौके पर पहुँचकर पुलिस के आला अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया।
अयोध्या परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह, सदर तहसील के एसडीएम अभय पांडे, सीओ सुशील कुमार सिंह सहित कोतवाल पंकज सिंह मौके पर पहुंचे।
अयोध्या परिक्षेत्र के डीआईजी संजीव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह, सदर तहसील के एसडीएम अभय पांडे, सीओ सुशील कुमार सिंह सहित कोतवाल पंकज सिंह मौके पर पहुंचे।
बाराबंकी जिले की कोतवाली नगर सफेदाबाद कस्बे में घर के अंदर दाखिल पुलिस और एक साथ पांच लाशें... एक बड़ी वारदात का उदाहरण पेश कर गयी है। दरअसल एक शख्स जिसका हंसता खेलता परिवार तबाह हो गया, कोरोना महामारी और लॉक डाउन के बीच... लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे एक पिता ने अपने परिवार को दुनिया के सामने दर-दर की ठोकरें खाने से पहले ही मौत की नींद सुला खुद फांसी पर लटक जाना ज्यादा मुनासिब समझा।
कमरे के अंदर बेड पर पड़ी चार और पंखे के हुक से न एक लटकती लाश आपको विचलित कर सकती हैं, और वारदात की हकीकत जानकर आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी की विवेक शुक्ला जो अपनी पत्नी और बच्चों से बेहद प्यार करता था और जिस तरह से विवेक ने यह खौफनाक कदम उठाया उससे तो यही लग रहा है कि वह खुद अगर फांसी के फंदे से लटकता तो उसका परिवार और समाज उसे कोसता, जिस कारण उसने अपने परिवार को दर-दर की ठोकरें खाने से पहले ही पत्नी, पुत्र और 2 पुत्रियों को मार कर खुद फांसी पर लटक गया।
लोगों की माने तो विवेक शुक्ला बेहद खुश मिजाज और मिलनसार व्यक्ति था। जीवन यापन के लिए हाल ही में एक गैराज खोलकर अपने रोजगार की शुरुआत की इसके अलावा विवेक शुक्ला मोबाइल रिपेयरिंग के साथ-साथ अन्य कई निजी रोजगार करता था। विवेक शुक्ला ने लगभग 12-13 साल पहले थाना जहांगीराबाद के फैजुल्लागंज निवासी शेष कुमार वर्मा की पुत्री अनामिका से प्रेम विवाह किया था, जिनसे दो पुत्रियां एक पुत्र थे। परिवार में पांच लोग थे- मृतक विवेक शुक्ला, उसकी पत्नी अनामिका और उनकी दो बेटियां पोयम शुक्ला (10 वर्ष), रितु शुक्ला (7 वर्ष) और एक लड़का बबल शुक्ला (5 वर्ष)। मृतक के भाई ने बताया कि शादी के बाद से विवेक के रिश्ते माता-पिता और भाई से सामान्य नहीं थे। वह अपने परिवार के साथ अलग रहता था। विवेक की मां ने जब दो दिन से उन्हें बाहर नहीं देखा तो वो खुद ही उसके कमरे तक गयी, बेटे को फांसी पर झूलता देख उन्होंने बाकी परिवार को सूचना दी। दरवाजा तोड़ने के बाद का मंजर देखकर सब हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू कर दी। मृतक विवेक के पिता के मुताबिक उसका कमरा दो दिन से बंद था, लेकिन कमरे का एसी चल रहा था। दरवाजा खटखटाने और आवाज देने के बाद भी जब कोई आहट नहीं हुई तो दरवाजा तोड़ा गया। विवेक के माता-पिता और परिवार का कहना है कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है।
विवेक के भाई के मुताबिक उन्हें आस-पास के लोगों से पता चला कि विवेक की माली हालत अच्छी नहीं थी, उन पर इस वक्त 30 से 35 लाख का कर्ज था। वहीं लोगों को आशंका है कि मृतक विवेक पर करोड़ों रुपए का कर्ज हो चुका था जिसे चुकाने में वह असमर्थ हो गया था। लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच प्रॉपर्टी के बंद कारोबार को लेकर विवेक काफी हताश और निराश होने के साथ ही साथ अंदर से टूट भी चुका था। उसके परिवार को भी नहीं पता है कि इस वक्त वो क्या करता था। आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक रूप से मुश्किल दौर से गुजर रहे दंपती ने बच्चों के साथ आत्महत्या का खौफनाक कदम उठाया है।
पुलिस इस मामले में सभी दृष्टिकोण से अलग-अलग जांच कर रही है। सुसाइड नोट की लिखावट की भी जांच की जा रही है। रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही साथ पुलिस तथ्यों के आधार पर छानबीन में जुटी है।
मृतक की मां ने बताया कि उनके बेटे ने दूसरी कास्ट की लड़की से शादी की थी। लेकिन उससे घरवालों को कोई परेशानी नहीं थी। उनका लड़का शादी के बाद से ही अलग रहता था और घर से कोई मतलब नहीं रखता था। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं मृतक के पिता के मुताबिक दो दिनों से कमरा बंद था औऱ एसी चल रहा था। हमें चिंता हो रही थी कि आखिर ये लोग बाहर क्यों नहीं निकल रहे हैं। लेकिन वह हम लोगों से मतलब नहीं रखते थे। लेकिन शुक्रावार को सुबह छत से जाकर देखा कि लड़का फांसी से लटक रहा है। फिर हमारे दूसरे लड़के ने कमरे का दरवाजा तोड़कर सबको घटना की जानकारी दी।
एएसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि परिवार के पांच लोगों की मौत हुई है। पति-पत्नी ने पहले तीन बच्चों को मारा फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। मामले की जांच पुलिस कर रही है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
✍️ RJ अतुल श्रीवास्तव
बाराबंकी।
बाराबंकी।